क्षणिकाएं – १०

क्षणिकाएं – १०

(१)

वो पूछ रहे हैं मुझ से इश्क़ की कहानी मेरी
क्या वो नहीं जानते, वो हैं जिंदगानी मेरी
समझ पाऊं इस नादानी पे, क्या समझाऊं
जो पढ़ सका हाले दिल आंखों से
उसे प्रेम का मतलब कैसे समझाऊं।।

(२) 

कौन कहता है सिर्फ बेड़ियां रोका करती हैं
कभी कभी शब्द भी ये काम कर जाते हैं
वादा जो उसने किया था कभी
कयामत भी जाए तो क्या हो।।

(३) 

शह और मात का खेल हमको नहीं ये भाता
रिश्तों में जीतना और हारना हमको नहीं सुहाता
ये जीवन एक सफर है, नहीं कोई बिसात
सबको लेकर साथ चलें पकड़ें सबका हाथ।।

(४)

कभी मान लेते कभी विरोधाभास भी है
जिंदगी जल भी है और प्यास भी है
प्यार साथ नहीं पर उसकी आस भी है
कैसे भी गुज़रे ये जिंदगी गुजर ही जायेगी
लगता कभी आम भी है और खास भी है।

आभार - नवीन पहल -  १४.०७.२०२१ 🌹🙏🎉

# नॉन स्टॉप २०२२ 

 

 

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4 Comments

Saba Rahman

16-Jul-2022 11:17 PM

Osm

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Chudhary

16-Jul-2022 10:09 PM

😊😊😊

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Rahman

16-Jul-2022 10:01 PM

OSM👍👍

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